स्वप्नों का शैशव युवा होते स्वप्न , कसौटी पे कस हुए धूमिल स्वप्न !
बीत चुके स्वप्न,कुछ कतार में है, कुछ बीजरूप ही कसमसा रहें !
परवान चढ़ते, उमीदों को रंगते , मौसमो से जूझने के हौसले देते !
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
बीत चुके स्वप्न,कुछ कतार में है, कुछ बीजरूप ही कसमसा रहें !
परवान चढ़ते, उमीदों को रंगते , मौसमो से जूझने के हौसले देते !
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
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स्वप्न के स्वप्न पे झूमते नाचते ये, साज ओ आवाज के मनोहर नग्मे
स्वप्न के महल स्वप्न के सांकल, स्वप्निल रंग रोगन की अट्टालिकाएं
स्वप्न के राग रंग जश्न और हम, ठिठोली करते हमारे स्वप्न के लम्हे
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
स्वप्न के महल स्वप्न के सांकल, स्वप्निल रंग रोगन की अट्टालिकाएं
स्वप्न के राग रंग जश्न और हम, ठिठोली करते हमारे स्वप्न के लम्हे
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
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विश्वकर्ता-भर्ता-हर्ता और बनावें स्वप्न के, स्वप्न से है जगत व्यवहार
तृण त्रिशूल के मूल पे बसें मूठ को साध,जनमन में बहे गंगरसधार
त्रिकाल से गुजर शूल से धंसे जन्मे-पलते-मिटते कार्य-पोषित-नाश
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
तृण त्रिशूल के मूल पे बसें मूठ को साध,जनमन में बहे गंगरसधार
त्रिकाल से गुजर शूल से धंसे जन्मे-पलते-मिटते कार्य-पोषित-नाश
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
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स्वप्न में क्लेश राग और द्वेष होवें स्वप्न में तरकश और तीर चलाएं
स्वप्न के लास्य भोग स्वप्न के वैमनस्य, जी लें या इनमे ही मर जाएँ
स्वप्नदृष्टा देखते स्वप्न हौसलों के, इनमे चल इन्ही को खंगाल आएं
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
स्वप्न के लास्य भोग स्वप्न के वैमनस्य, जी लें या इनमे ही मर जाएँ
स्वप्नदृष्टा देखते स्वप्न हौसलों के, इनमे चल इन्ही को खंगाल आएं
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
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स्वप्न से शुरू थी अपनी कहानी, स्वप्न पे ही ख़त्म होती जिंदगानी !
स्वप्न का कारवां यूँही चलता रहे, मिटे गर एक तो नया पलता रहे !
जिंदगी तू सुर्ख हो धड़कती रहे, स्वप्न प्रेम बन दिलों में जलता रहे !
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
स्वप्न का कारवां यूँही चलता रहे, मिटे गर एक तो नया पलता रहे !
जिंदगी तू सुर्ख हो धड़कती रहे, स्वप्न प्रेम बन दिलों में जलता रहे !
आज एक नए स्वप्न को जन्म दें , आओ ! एक और स्वपन सजाएं
© lata
17-05-2017
17-05-2017
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