चलो ! आज हम भी झुनझुना बजाएं
थोड़ी आवाज बना थोड़ा स्वर फैलाएं
अल्लाहु जीसस जय श्री राम के तीर
और समुद्र की छाती पे पत्थर तैराये
चलो ! आज हम भी झुनझुना बजाएं ..................
रेत में उगे खारे खरपतवार हाथ में ले
टंकार जयघोष की हुंकार संगठित हो
एक दूजे की गर्दन को निशाना बनाये
चलो ! आज हम भी झुनझुना बजाएं ..................
अपने ही खेत अपने ही लहू सींचे हम
लाल और स्वस्थ सेब/अनार/ चुकंदर
इक अनोखी ! खुनी फसल उगाएं हम
चलो ! आज हम भी झुनझुना बजाएं ..................
इस खुनी त्यौहार में आमोद प्रमोद हो
रंगो के छींटे उड़े , होली का त्यौहार हो
सत्युग द्वपर को इकसाथ तै करे हम
चलो ! आज हम भी झुनझुना बजाएं.....................
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