Monday, 13 March 2017

माँ ! आज, जन्म हुआ लगता है



( Auther's Note:7 stanzas of life , two mothers appears  in birth of wise , one Jnani / Maa who give birth to body  and one Janani/ Maa who give birth to soul  )

अदृश्य!महान जननी तू है
तुझमे सुरक्षित नौ वर्ष मेरे 
गर्भ में शरण संरक्षण संग
लालनपालन उपकार तेरा
ये अन्तराल बड़ा लगता है
मानो जन्म हुआ लगता है
Invisible Great Mother you are 
My nine years saved Inside you 
Refuge in a womb companion and Guardian
The upbringing of mine is alms-deed of yours 
Looks the period  quite wide 
Appears  Birth is taking place  

गर्भकाल में पीड़ाये सघन
कसमसाहट निःसहाय थी
जीवन था, कोई म्रत्यु नहीं
इन्द्रिय सुप्त, भोजन श्वांस
निर्विघ्न वे, था बेपरवाह मैं
आज,जन्म हुआ लगता है
In Gestation pains was infinite
Uneasiness and helplessness were
Life It was, not any Death it is 
Senses was in sleep, Food and breath-
Was hurdle less, I was Ignorant.  
Today presuming to happen birth of mine 

केंद्रित, शिशु, मौलिक हूँ
जुड़ा हूँ निजी जरूरतों से
आश्चर्य से भर देखता चहुँ
भाषा शोर से अभी दूर हूँ
सूर्यपुंज पा केआनंदित हूँ
आज,जन्म हुआ लगता है
Centred, Newborn, substantive I am 
Connected with  personal needs 
Looking with a surprise around 
Quite away  from language noise
To get Source of light I am in Joy 
Today Going to happen birth of mine 

तेरी अनंत गर्भनाल से बंध
हर जन्म मे आभारी हूँ, माँ
वो आभास हर बार नया है
जन्मों-कथा फैली जन्मो में
हो उल्लास उत्सव उन्माद
आज, मौन जन्मा लगता है
Tide with your's Infinite Umbilical cord
In every birth Mother, I am in gratitude 
That feeling each time is new 
Births stories spread in births 
Become Joy Festivals and madness 
Today appears Silence takes birth

इस पल निर्बोध मासूम सा
वनदेवी की गोद में शैशव
निर्दोष अठखेलिया करता
सुवासित जंगलफूल खिला
ये जीवन नया सा लगता है
आज, जन्म हुआ लगता है
This moment Innocent unaware 
Childhood In the lap of Goddess of Forest 
Faultless busy in play 
Fragrant flower in forest blooms 
This life appears  brand new 
Today's feeling happen birth of mine 

रोपित  वे  बीज उस माँ के थे
आँखें  नम  हुई  क्यूँ  यादो  से
वो  याद  ज्यूँ का त्युं  लगता है
मिलते  बांधव   उस  जन्म  के
 कर्म-संबंध  बाकी   लगता  है
आज,  जन्म  हुआ  लगता  है

Attributed those seed of that mother 
Eyes get wet from those memories 
Past life clear in memories it seems 
When to meet brothers of that life 
Appears karma- relation balanced
Today's feeling happen birth of mine 

सप्तदेह-वहनअर्थ जाना हूँ
जन्मे पलते गिर फिर मरते
बच रहते फिर भी जो शेष
पुनः पुनः वे ही जीवन पाते
उनसे सम्बन्ध समझ पाया
आज, जन्म हुआ लगता है
Awared meaning ; Carry of seven bodies 
Getting Birth, Nurtures , then falls, and Died 
Still, Something left with me;  whatever!
Repeatedly they get birth through me 
Understand truly Relation with them 
Today's feeling happen birth of mine 

© Lata 
13-03-2017

नोट : ये कविता दो माँ  के अस्तित्व को स्वीकारती है  एक  जो आत्मा का पोषण करती है और एक जो देह के जन्म के लिए  नियुक्त है।  भौतिक शरीर  दैहिक माता  का सहयोग , सूक्ष्म  कारन और मानस देह के विकास में दैहिक माता का सहयोग  फिर इसके आगे की यात्रा में  बृहत् जननी अपना सहयोग देती है  जो ऊर्जा को देह रहित  करने में  सहायक है।  
सप्त धातुओं का बना स्थूल शरीर/ भौतिक शरीर प्रत्यक्ष है।
(1) स्थूल शरीर-The Etheric Body
(2) सूक्ष्म शरीर The Etheric Template Body
(3) कारण शरीर-The Astral level
(4)मानस शरीर-The Mental Body / emotional body
(5) आत्मिक शरीर-The Celestial Body
(6) देव शरीर -The Ketheric Template /Causal Body /cosmic body )
 (7) ब्रह्म शरीर-वाडीनैस बॉडी।

छह चक्र और सातवाँ सहस्रार कमल।
छह चक्रों के नाम प्रसिद्ध हैं।-(1) मूलाधार चक्र (2) स्वाधिष्ठान चक्र (3) मणिपूर चक्र (4) अनाहत चक्र (5) विशुद्ध चक्र (6) आज्ञा चक्र। इनके उपरान्त सातवाँ सहस्रार चक्र
कुछ मन की : ये तो  यात्रा का वर्णन  है , जिज्ञासा  संभव है  , तो होगा क्या !  तो यहाँ  अंतिम एक ही लक्ष्य संभव है  वो है आनंद  का  , मन से / स्थान से  जहाँ वेदना  अप्रभावी हो , जहाँ कालिमा  अपना अंधकार का जाल  न बढ़ा  सके. पर ये सब संभव तो ज्ञानप्रकाश से ही है।   वो भी अपने ज्ञान से ही संभव है।  बस  सब प्रयास  आत्मतत्व को जगाने के इसीकारण  की भावनाये और बुद्धि के प्रवाह ज्ञान के किनारों के बीच  शांत हो बह सके।  हैं न ! 

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