Wednesday, 29 March 2017

मै तो कुछ भी नहीं

AAP 
AAP KYA JANE MUJHKO SAMAJHTE HAIN KYA?
MAI TO KUCHH BHI NAHI

IS QADAR PYAR 
ITNI BADEE BHEED KA MAI RAKHUNGA KAHA?
IS QADAR PYAR RAKHNE KE QABIL NAHI 
MERA DIL MERI JAAN
MUJHKO ITNI MOHABBAT NA DO DOSTO-2 
SOCH LO DOSTO
IS QADAR PYAR KAISE SAMBHALUNGA MAI?
MAI TO KUCHH BHI NAHI

PYAR?
PYAR IK SHAKHS KA AGAR MIL SAKE TO
BADEE CHEEZ HAI ZINDGI KE LIYE
AADMI KO MAGAR YE BHI MILTA NAHI 
YE BHI MILTA NAHI
MUJHKO ITNI MOHABBAT MILI AAPSE-2
YE MERA HAQ NAHI MERI TAQDEER HAI
MAI ZAMAANE KI NAZRO ME KUCHH NA THA-2
MERI AANKHON ME ABTAK WO TASVEER HAI
IS MOHABBAT KE BADLE MAI KYA NAZAR DU?
MAI TO KUCHH BHI NAHI

IZZATE
SHOHRATE
CHAAHATE
ULFATE
KOI BHI CHEEZ DUNIYA ME RAHTI NAHI
AAJ MAI HU JAHAA KAL KOI AUR THA-2
YE BHI IK DAUR HAI WO BHI IK DAUR THA

AAJ ITNI MOHABBAT NA DO DOSTO-2
KI MERE KAL KI KHATIR NA KUCHH BHI RAHE
AAJ KA PYAR THODA BACHA KAR RAKHO-2
MERE KAL KE LIYE
KAL?
KAL JO GUMNAAM HAI
KAL JO SUNSAAN HAI
KAL JO ANJAAN HAI
KAL JO VEERAAN HAI
MAI TO KUCHH BHI NAHI HU
MAI TO KUCHH BHI NAHI

आप 
आप क्या जाने मुझको समझते हैं क्या ?
मै तो कुछ भी नहीं 

इस क़दर प्यार 
इतनी बड़ी भीड़ का मै रखूँगा कहाँ ?
इस क़दर प्यार रखने के काबिल नहीं 
मेरा दिल मेरी जान 
मुझको इतनी मोहब्बत ना दो दोस्तों -2 
सोच लो दोस्तों 
इस क़दर प्यार कैसे संभालूँगा मै ?
मै तो कुछ भी नहीं 

प्यार ?
प्यार इक शख्स का अगर मिल सके तो 
बड़ी चीज़ है जिंदगी के लिए 
आदमी को मगर ये भी मिलता नहीं 
ये भी मिलता नहीं 
मुझको इतनी मोहब्बत मिली आपसे -2
ये मेरा हक नहीं मेरी तकदीर है 
मै ज़माने की नजरो में कुछ न था -2
मेरी आँखों में अबतक वो तस्वीर है 
इस मोहब्बत के बदले मै क्या नज़र दूँ ?
मै तो कुछ भी नहीं 

इज्ज़ते 
शोहरते 
चाहते 
उल्फ़ते 
कोई भी चीज़ दुनिया में रहती नहीं 
आज मै हु जहा कल कोई और था -2
ये भी इक दौर है वो भी इक दौर था 

आज इतनी मोहब्बत न दो दोस्तों -2
कि मेरे कल की खातिर न कुछ भी रहे 
आज का प्यार थोडा बचा कर रखो -2
मेरे कल के लिए 
कल ?
कल जो गुमनाम है 
कल जो सुनसान है 
कल जो अनजान है 
कल जो वीरान है 
मै तो कुछ भी नहीं हूँ 
मै तो कुछ भी नहीं 

English Translation-
==============

You
i dont know what you think about me?
I am nothing

Love this somewhat
Where will I am such a big crowd?
Unable to recognize the love
My heart, my life
Friends do not let me so love -2
Think Friends
I love to recognize how this will look?
I am nothing

Love?
If you can find someone who I can love
Big thing for life
But this guy does not get
It does not get
Given me so much love to you -2
It's my right is my destiny
I was nothing for the world -2
My eyes still have that picture
What should I look for love instead of this?
I am nothing

Respects,
Fames,
Likes,
Loves
There is not anything in the world
Who else was right where I am today -2
its other time and that was another time

Today, dont give me so much love my friends -2
That There is not anything for me tomorrow
Save a little love today -2
Me for tomorrow
Tomorrow?
Tomorrow is the anonymous
Yesterday is dead
Tomorrow is the unknown
Yesterday is empty
I'm nothing
I am nothing

by Gopal k from DAAG 1976 

Tuesday, 28 March 2017

मौन के संवाद



 मौन के संवाद/Conversation Of Silence

मौन के अपने अलग संवाद होते है, जब आँखे बोलती है
श्वांस आहिस्ता आहिस्ता ठहरती, धीरे धीरे,गंभीर होती है
जुबान खामोश लब सिले, समूची देह ज्यूँ संवाद करती है
Silence have own language, where is only  eyes speaks, 
Breaths get settle slowly-slowly,  gradually get placid down. 
Tongue totally silent, lips sealed, seems the whole body evolves in talks


मधुर मद्धम आंच, सुलगती बाती, है जीवन दीपक जलता 
जलते दीप की आंच संग उसका भी तो अंगअंग सुलगता
जिसकी सुलग के साक्षी तारों संग, ये देह संवाद करती है
sweet  n low heat  lighten candle, life-lamp is burning
With the heat of burning lamp his parts of body burns
Constellation are evidence of burn, from them this body evolves in talks,

घुमड़ती शोर करती नदियों की गरजती वो सुंदर उछालें
चंचल प्रबल धाराओं को दूर से कहे सुदृढ़,अब और नहीं
योगी शांत,समंदर गंभीर थिर,समूची देह संवाद करती है
 Weavy making noise  rivers are roaring  that beautiful  jumps 
This is the says hardbitten from far  to Playful current, No Not more
Yogi is Calm , Ocean sound n stable, the whole body evolves in talks.


ब्रह्मा का जीवन, विष्णु जिसके पालनहार, शिव की भभूत
स्वास्तिक बना सुदर्शन,ओमकार की सीढ़ी पे, है  योगिनी
मित्रसम उनसे ज्यूँ तरंगित देह संवाद-उपसंवाद करती है
Eternally Creature Gives life, Lord adoring, Shiva gifts Ash
Swastik become  Sudarshan On  the ladder Of Omkar  Yogini stands 
Alike Friend, probably frequential body talks and communions to them 

मौन के अपने अलग संवाद होते है, जब आँखे बोलती है
श्वांस आहिस्ता आहिस्ता ठहरती, धीरे धीरे,गंभीर होती है
जुबान खामोश लब सिले समूची देह, ज्यूँ संवाद करती है
Silence have own language, where is only  eyes speaks, 
Breaths get settle slowly-slowly,  gradually get placid down. 
Tongue totally silent, lips sealed, seems the whole body evolves in talks


ॐ प्रणाम 
© Lata 
28-03-2017 

Saturday, 18 March 2017

एकाक्षरी धुन



दो अक्षर जाने
स्वागत किये
परिणाम ज्ञान
बहुआयामी विस्फोट
सैकड़ों चिंगारिया
ज्वालामुख से प्रकट हुईं
और होती ही चली गयी ।
दो अक्षर जान के तो
बेचैनियां बढ़ती गयी ,
इससे कहूँ उससे कहूँ
या के खुद से ही कहूँ ,

फिर आधा कदम चले ,
तो ढाई से भेंट हुई
अजीब गणित है न ,
दो से ढाई पे फासला
थोड़ा और कम हुआ
और ऐसा वैसा नहीं
फिर जो आगे चले तो,
न दो और न रहे ढाई
बस "एक" ही बच रहा

राधा ओ कान्हा के बीच
प्रेम-शतरंज का खेल हुआ
थी शर्त मुस्कराती राधे की
जो हारू तो तेरी हो जाऊं
अगर जीतूं तू मेरा हो जाये

Monday, 13 March 2017

माँ ! आज, जन्म हुआ लगता है



( Auther's Note:7 stanzas of life , two mothers appears  in birth of wise , one Jnani / Maa who give birth to body  and one Janani/ Maa who give birth to soul  )

अदृश्य!महान जननी तू है
तुझमे सुरक्षित नौ वर्ष मेरे 
गर्भ में शरण संरक्षण संग
लालनपालन उपकार तेरा
ये अन्तराल बड़ा लगता है
मानो जन्म हुआ लगता है
Invisible Great Mother you are 
My nine years saved Inside you 
Refuge in a womb companion and Guardian
The upbringing of mine is alms-deed of yours 
Looks the period  quite wide 
Appears  Birth is taking place  

गर्भकाल में पीड़ाये सघन
कसमसाहट निःसहाय थी
जीवन था, कोई म्रत्यु नहीं
इन्द्रिय सुप्त, भोजन श्वांस
निर्विघ्न वे, था बेपरवाह मैं
आज,जन्म हुआ लगता है
In Gestation pains was infinite
Uneasiness and helplessness were
Life It was, not any Death it is 
Senses was in sleep, Food and breath-
Was hurdle less, I was Ignorant.  
Today presuming to happen birth of mine 

केंद्रित, शिशु, मौलिक हूँ
जुड़ा हूँ निजी जरूरतों से
आश्चर्य से भर देखता चहुँ
भाषा शोर से अभी दूर हूँ
सूर्यपुंज पा केआनंदित हूँ
आज,जन्म हुआ लगता है
Centred, Newborn, substantive I am 
Connected with  personal needs 
Looking with a surprise around 
Quite away  from language noise
To get Source of light I am in Joy 
Today Going to happen birth of mine 

तेरी अनंत गर्भनाल से बंध
हर जन्म मे आभारी हूँ, माँ
वो आभास हर बार नया है
जन्मों-कथा फैली जन्मो में
हो उल्लास उत्सव उन्माद
आज, मौन जन्मा लगता है
Tide with your's Infinite Umbilical cord
In every birth Mother, I am in gratitude 
That feeling each time is new 
Births stories spread in births 
Become Joy Festivals and madness 
Today appears Silence takes birth

इस पल निर्बोध मासूम सा
वनदेवी की गोद में शैशव
निर्दोष अठखेलिया करता
सुवासित जंगलफूल खिला
ये जीवन नया सा लगता है
आज, जन्म हुआ लगता है
This moment Innocent unaware 
Childhood In the lap of Goddess of Forest 
Faultless busy in play 
Fragrant flower in forest blooms 
This life appears  brand new 
Today's feeling happen birth of mine 

रोपित  वे  बीज उस माँ के थे
आँखें  नम  हुई  क्यूँ  यादो  से
वो  याद  ज्यूँ का त्युं  लगता है
मिलते  बांधव   उस  जन्म  के
 कर्म-संबंध  बाकी   लगता  है
आज,  जन्म  हुआ  लगता  है

Attributed those seed of that mother 
Eyes get wet from those memories 
Past life clear in memories it seems 
When to meet brothers of that life 
Appears karma- relation balanced
Today's feeling happen birth of mine 

सप्तदेह-वहनअर्थ जाना हूँ
जन्मे पलते गिर फिर मरते
बच रहते फिर भी जो शेष
पुनः पुनः वे ही जीवन पाते
उनसे सम्बन्ध समझ पाया
आज, जन्म हुआ लगता है
Awared meaning ; Carry of seven bodies 
Getting Birth, Nurtures , then falls, and Died 
Still, Something left with me;  whatever!
Repeatedly they get birth through me 
Understand truly Relation with them 
Today's feeling happen birth of mine 

© Lata 
13-03-2017

नोट : ये कविता दो माँ  के अस्तित्व को स्वीकारती है  एक  जो आत्मा का पोषण करती है और एक जो देह के जन्म के लिए  नियुक्त है।  भौतिक शरीर  दैहिक माता  का सहयोग , सूक्ष्म  कारन और मानस देह के विकास में दैहिक माता का सहयोग  फिर इसके आगे की यात्रा में  बृहत् जननी अपना सहयोग देती है  जो ऊर्जा को देह रहित  करने में  सहायक है।  
सप्त धातुओं का बना स्थूल शरीर/ भौतिक शरीर प्रत्यक्ष है।
(1) स्थूल शरीर-The Etheric Body
(2) सूक्ष्म शरीर The Etheric Template Body
(3) कारण शरीर-The Astral level
(4)मानस शरीर-The Mental Body / emotional body
(5) आत्मिक शरीर-The Celestial Body
(6) देव शरीर -The Ketheric Template /Causal Body /cosmic body )
 (7) ब्रह्म शरीर-वाडीनैस बॉडी।

छह चक्र और सातवाँ सहस्रार कमल।
छह चक्रों के नाम प्रसिद्ध हैं।-(1) मूलाधार चक्र (2) स्वाधिष्ठान चक्र (3) मणिपूर चक्र (4) अनाहत चक्र (5) विशुद्ध चक्र (6) आज्ञा चक्र। इनके उपरान्त सातवाँ सहस्रार चक्र
कुछ मन की : ये तो  यात्रा का वर्णन  है , जिज्ञासा  संभव है  , तो होगा क्या !  तो यहाँ  अंतिम एक ही लक्ष्य संभव है  वो है आनंद  का  , मन से / स्थान से  जहाँ वेदना  अप्रभावी हो , जहाँ कालिमा  अपना अंधकार का जाल  न बढ़ा  सके. पर ये सब संभव तो ज्ञानप्रकाश से ही है।   वो भी अपने ज्ञान से ही संभव है।  बस  सब प्रयास  आत्मतत्व को जगाने के इसीकारण  की भावनाये और बुद्धि के प्रवाह ज्ञान के किनारों के बीच  शांत हो बह सके।  हैं न ! 

Sunday, 5 March 2017

मेरी नानू





नानू  सी जान प्रेमिल
बैठती है आ मुंडेर पे 
भोर के तारे के साथ !
Tiny love Lovable 
Sit on edge of wall 
With morning star


पतली  पूँछ  हिलाती
गोल  नयन मटकाती
छोटी नुकीली चोंच से!
Moving her long tail 
Rotates round eye
From little sharp beak

रोज़ पिछले कल के
इकठा हुए सब दाने
चुनने आती चूँचूँ सारे!
Stored of pre-day
collects all grains,
Comes daily to peck !


सुरीली आवाज़  दे के
जगाती मुझ सोये  को
मैं हूँ इंतजार में, मौन !
Call with sweet voice 
Woke-up to slept me 
and I'm in wait, Silent 


चुनले इकट्ठा हुए दाने
कल वाले , पहले  पूरे
आहट से उड़ जाएगी !
Pick collected grains
of yeterdays , first all
flew away little chim !


भोर  के  तारे साथ वो
चुगने  सारे दाने  फिर
आएगी कल मेरी नानू !
With Morning Star she
to peck all grains again
Come back tomorrow ; My Nanu .

© Lata
05-03-2017

Friday, 3 March 2017

"कोरे कागद पे लिखूं प्रेम-बतियाँ"



ओ री चिरैया सुण्यो म्हारी गुइयाँ
कहती तोहे इ जियरा की बतियाँ
O Dear Bird listen my friend 
telling you talks of this heart 

पोथी ! जामे दाने सूं फैली पतियां
चुग ले रानी सारी बिखरी बतियाँ
In Book,talk spread like grains 
Peck my Dear all spread talks 


बतियाँ म्हारी पी के संदेसन वारि
पन्ने खुल्लेखुल्ले चुगियो वारिवारि
Talks mine, massage to lover
Open pages,peck recursively

निमंत्र्ण तुझको अवजू देस हमारे
तृनतृन चुनचुन लै जा संग तिहारे
Come on my land Invitation to you
Each whit pick take away with you 

कोरा मन हो रह जाये ये छतियाँ
कोरे कागद पे लिखूं प्रेम-बतियाँ
This heart become blank emotion
On blank paper write to love talks 

प्रेम से चुग्गे तू और तेरी सखियां
चुग ले जाकि सारी फैली बतियाँ
Peck with love, you n your friends
Peck to entire spread talks of this

© Lata
02 - 03 - 2017