Wednesday 8 February 2017

कुछ ज्ञात रहा तू, कुछ अज्ञात ही रहा


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तेरा छुपना भी अच्छा तेरा दिखना भी अच्छा तुझे जानना भी अच्छा रहा और जो न जाना, वो भी अच्छा ही रहा तू ज्ञात हुआ वो भी अच्छा
अज्ञात हुआ वो भी अच्छा
ज्ञात बन धीरज दे सहलाता रहा अज्ञात बनके तू कसौटी कसता ही रहा आहिस्ता आहिस्ता चलते इस सांचे का इस खेल का अंत क्या हुआ ! अंत में - कुछ ज्ञात रहा और कुछ अज्ञात ही रहा

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