Thursday 29 August 2019

सोच में हूँ


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सच में अब मैं सोच में हूँ
अजब कश्मकश जद्दोजहज में हूँ
आदमी हुनर के लिए जीता है
या हुनर अपने आप सर चढ़ बोलता है

सच में अब मैं सोच में हूँ
दिल से निकली बात दिल तक पहुंची
या दिल तक बात पहुँचाने
मैं अथक कोशिशों को अंजाम देता हूँ

सच में अब मैं सोच में हूँ
सच था कभी लिखता था दिल से दिल की
अब तो दिलों तक जाने को 
घूमेरस्ते तंगगली उलझेनुक्कड़ तै करता हूँ

© HEART'S LINES / LATA 

Picture curtsy Chaman Nigam ji  

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