Monday 3 July 2017

मधुरं दृष्टि:मे देव सदा-2





1-
मधुरं   सृष्टि:
मधुरं   दृष्टि:
मधुरं   वृष्टि:
मधुरं  अग्ने:
मे देवसदा

2-
मधुरं   वायु: 
मधुरं  गंधम
मधुरं  अङ्गं
मधुरं संगम

मे देवसदा

3-
मधुरं  मधुरं
सङ्गं दे मम

मधुरं वाच्यं  
मे देव सदा 
मे देव सदा

4-
मधुरं  भावं 
मधुरं मधुरं  
ते  वात्सल्यं 
वा कारुण्यं 

मे देव सदा

5-
मधुरं  ज्ञानं 
मधुरं ध्यानं 
मधुरं  योगं 
मधुरं भोगं 

मे देव सदा

6-
मधुरं  मधुरं 
प्रेम् दे मम 
मधुरं मधुरं 
तुर्यं दे मम 

मे देव सदा

7-
मधुरं   सृष्टि , मधुरं   दृष्टि
मे देव सदा ,  मे देव सदा

        मे देव सदा

 © of Lata  
Madhur Drishti 
03-12-2016
new making - 03 -7-2017

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