इक आसमान के चाँद तारें गिन नहीं सकते
इक समंदर से उठती लहर के आंकड़ें नहीं
इक संसार में है नदी ताल तलैया अनगिनत
इकदेह मेंअनवरतउठती ये श्वाँसें अनगिनत
इक समंदर से उठती लहर के आंकड़ें नहीं
इक संसार में है नदी ताल तलैया अनगिनत
इकदेह मेंअनवरतउठती ये श्वाँसें अनगिनत
अनगिनत शब्द जरा महाशय गौर फरमाये
जिंदगी में सड़केंगिनीचुनी गलियां बेहिसाब
सहीपते को ढूंढने की उलझने देती गलियां
अन्जानवापसी के मोड़ सुझाती है बेहिसाब
प्रिये! जब लगने लगे,' भटक गए हो राह में'
सड़कें गली नुक्कड़ रास्ते सुझाते बेहिसाब!
भूलसे गिनती मत कर बैठना अनगिनत की
नुक्कड़गलीसड़कश्वांसलहरेतारे हैं बेहिसाब
चोटी की ऊंचाई पे जा गहरी श्वांस ले देखना
नक़्शे में खुदी मिलेंगी, ऐसी बिसातें बेहिसाब
फिर भूल से,बेहिसाब के हिसाब में न पड़ना
हिस्से का हिसाब ले,तू बेमिसाल है बेहिसाब
© Lata
19 / 05 / 2016
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