Saturday, 22 August 2015

And Lotus bloom




Whenever wise says ,' be sakshi (witness) 
means take a bath from all colors 
whatever you get wear from birth onward 

Whenever wise says , ' drop your mind '
means drop all conditioned belongings 
whatever given by each conditioned mind
.
Whenever wise says ,' be nailed with self ,
means just sink deep Inside Ocean 
touch the source and come out via breaths.

Saturday, 15 August 2015

मध्य



मध्य  में जब से ठहर गया मन 
असंतुलित को संतुलित करता 
शब्द  मध्य  नन्हा भारी सन्दर्भ
प्रसंगउपसंहार हुएअप्रासंगिक 
.
'मध्य'आधार काल का जिसकी 
मंडल,जीवन और देश पहचान 
लहर-भाव-अर्थ प्रवाहित इसमें 
कील सा मूल गंभीरसिंधु समान
.
पूछने पर महादेव ने पार्वती को
एकसौ ग्यारहवीं बार यही कहा
योगों  में श्रेष्ठ योग मध्य में वास
न आदि न अंत  मध्य ही सुगम
.
नाभि मध्य सार बद्ध महत्वपूर्ण
मध्हम श्वांस मध्य  योग के प्राण
आचार का मध्य  कौशल युक्त
दर्शन में मध्य है ज्ञान का उदय
.
धरती का मध्य संतुलन उसका
ब्रह्माण्ड मध्य में संतुलित  केंद्र
ईश्वरतत्व पूर्णवासित केंद्र मध्य  
जन्म देता जन्मता कालमध्य में 

नृसिंह बन करता संहार मध्य में 

जीवन भी होता प्रवाहित मध्य में 
बुद्ध ज्ञान मार्ग कर गया स्थापित
चारआर्यसत्य कहगए मध्यमार्ग

कृष्ण गीता बोले मीठे मध्य बोल

सुखे दुखे समेकृत्वा लाभालाभो-
जयाजयौ भी बोले मध्य के बोल
समस्त धर्मदर्श गायें मद्धम गान 

पूर्ण संगीत के तीन सप्तक द्वार 

प्रायोगिक मधुरमध्य सप्तकसुर
शिव डमरू देता टंकार मध्य से 
वीणा तरंगित घर्षिततार मध्य में

कंठमध्यदेश अभिव्यक्तभाव से 

ह्रदयमध्यदेश भीगा प्रेम भाव से  
आग्यां देश स्थान भृकुटि मध्य में 
मूलप्रदेश योगमाया वास मध्य में 

जागृत योगसर्प फुंकार है मध्य से 

सहत्रबिंदुज्ञानप्रवाहगमन मध्य से 
संतुलन का आधार है " मध्य "में
मेरे तेरे सबके केंद्र बिंदु मध्य में  





Friday, 14 August 2015

संतुलन ( मैं ही हूँ )


तुम कब थे दूर मुझसे
जन्म से साथ हो तुम
हर पल आती जाती
मोती से साँस-माला में
पिरोये हुए हो तुम ...
प्रथम सांस अंदर गयी
साथ ही ह्रदय द्वार से
धमनी में रक्त बन बहे
सांस जो बाहर को आई
अशुद्धियों को साथ लायी
श्वांस के माध्यम से
आवागमन क्रम मध्य में
तुम बीजरूप जीवनस्वरूप
फल बन मध्यकील समान
तुम निरंतर कहते रहे -
" देखो मुझे मैं हूँ संतुलन
जीवन में मुझे ही पाओगे
हवा में सुगंध औ धार में
मुझे ही बहता पाओगे ...!
हरपल कदमदम हमदम
दो विपरीत ध्रुवों के मध्य
शिव सा मुझे ठहरा पाओगे
दिशा,रंग,सौंदर्य-असौंदर्य
आती जाती दो श्वांस मध्य
ठहरा हुआ रहस्य मैं ही हूँ
ज्ञान अज्ञान ऊंचाई गहराई
निरंतर साथ जन्म से लेकर
मृत्यु तक साथ मेरा पाओगे.."

Tuesday, 11 August 2015

Unique Cocktail

Dear Lord ....

Giving new direction to cruise 
to move on new trip !

When my glass full of Drink 
which is filled with liquid and froth !

Though there is no new move 
all is fix prior ! 

Only Ignorance of traveler
gives feel of new ! 

Each time and every-time ..
Saying thank you for many gifts -

* thank you for Unique drink !
* thank you for Unique servings !!
* thank you for Unique cocktail of ignorance of seven lights followed a bunch of awareness roses at proper time and in proper ratio !!!

* thank you for Unique experiences !!!!