कभी जिंदगी में अगर थक जाओ
किसी को कानोकान खबर न होने देना
लोग टूटी ईमारत की ईंट तक उखाड़ के ले जाते है
तुम कुछ चाह भी नहीं सकते
अगर खुदा न चाहे
जरुरी नहीं किसी की बद्दुआ तुम्हारा पीछा कर रही हो
कभी किसी का जब्त और बेपनाह सब्र भी तुम्हारी खुशियों को रोक लेता है
कोई हाथ से छीन के ले जासकता है .. पर नसीब से नहीं
इंसान की मर्जी और ईश्वर की मर्जी का फर्क भी *गम है
कल एक इंसान रोटी के बदले करोड़ों की दुआ दे गया
पता ही नहीं चला के गरीब कौन
शख्सियत अच्छी थी
ये लब्ज़ तब सुनने को मिलते हैं जब शख्स ही नहीं रहता
बंधी हैं हाथ में सभी के घडिया
पर पकड़ में हाथ में वख्त का लम्हा किसी के भी नहीं
कितने चालाक हैं मेरे अपने भी
तोहफे में घडी तो दी पर वख्त नहीं।
कुबूल तो उसकी भी होती है जिसके जुबान ही नहीं
पीठ हमेशा मजबूत ही चाहिए
क्यूंकि शाबासियाँ और छुरे ; पीठ पे ही मिलते हैं।
अपनी दौलत पे कभी ऐतबार न करना
क्यूंकि जो गिनती में आ जाये वो लाज़मी ख़तम होने वाला है
जब भी गुनाह करने का दिल चाहे तो चार बातें याद रखो
भगवन देख रहा है , फ़रिश्ते लिख रहे है ,
मौत हर हाल में आनी है , और वापिसी का टिकिट भगवन ने साथ भेजा है।
कुछ सवालो के जवाब सिर्फ वख्त देता है
और जो जवाब वख्त देता है वो लाजवाब होते हैं।
दो तरीके के इंसानो से हमेशा होशियार रहो
जो तुममे वो ऐब बताये जो तुममे है नहीं या दूसरा वो जो तुममे वो खूबी बताये जो तुममे नहीं।
झूठ का भी एक जायका होता है , खुद बोला तो मीठा , दूसरा बोले तो कडुवा।
जब इंसान समझता है की वो गलत भी हो सकता है तो वो ठीक होने लगता है।
पिता की दौलत पे क्या घमंड करना , मज़ा तो तब है दौलत अपनी हो और घमंड पिता करे ।
ऐ खुदा आईना कुछ ऐसा बनादे , जो चेहरा नहीं नियत दिखा दे।
शतरंज में वजीर , और जिंदगी में जमीर मर जाये तो खेल ख़तम समझलो
इंसान की इंसानियत ख़तम होजाती है , जब दूसरों के दुःख पे हंसी आने लगे।
एक बात हमेशा याद रखना , जिंदगी में किसी को धोखा न देना
धोखे में बड़ी जान होती है ये कभी नहीं मरता , घूमकर आपके पास लौट आता है।
क्यूंकि इसको अपने ठिकाने से बहुत मोहब्बत होती है।
अजीब तरह से गुजरती है जिंदगी
सोचा कुछ , हुआ कुछ , किया कुछ , मिला कुछ।