Monday, 10 October 2016

कोहिनूर हो मिलूंगा



क्या कहूँ के बिखरा हूँ कहाँकहाँ पे मैं
शीशे का कहूँ याके वजूद रेत सा कहूँ
जर्राजर्रा रौशन है टूटबिखरने के बाद
What to say wherever scattered I'm
alike glass or existence like sand
every particle sparks after diffuse
  
खोदोगे जब सातपरत नीचे चट्टान को
माटी के ढेर में छिपा मिलूंगा यहाँवहां
After delve 7layer beneath d rock 
get me around on the pile of soil 

दिल पे चोट मारने से पहले रुको जरा
मोल न देगा नश्तर गलत वार के बाद
B-fore hit a heart stop think once
amiss blow by knife , loose price 

इस छोर पे रौशनी अँधेरा उस छोर है
लौटूंगा एकबार फिर ऐ रौशनी मिलने
अंधेरी संकरी डगर से गुजरने के बाद
Light is on this end that isDark 
i'll back again to meet O' Glim 
after pass to narrow dark path 

जाऊं कहाँ बिछड़ जुदा तुझसे मैं नहीं
फिर लौटके आऊंगा बिछड़ने के बाद
I have not aloof where from you 
i get back to you after separation 

सदियो दफ़्न था धरती ने गढ़ दुलराया
कोहिनूर हो मिलूंगा मैं तरश जाने बाद
Long buried to mold n care of earth 
I'll meet you after craft like'Kohinoor'