Saturday, 3 December 2016

मधुरं दृष्टि -1 and Meditation with Yogananda's "I will be thin always"

Meditational 

मधुरं सृष्टि:
मधुरं दृष्टि:
मधुरं वृष्टि:
मधुरं अग्ने:


मधुरं वायु: 
मधुरंगंधम
मधुरं अङ्गं
मधुरंसंगम


मधुरं भावं 
मधुरं मधुरं  
ते  वात्सल्यं 
वा कारुण्यं 


मधुरं मधुरं
सङ्गंदे मम

मधुरंवाच्यं  
मे देवसदा 

मधुरं ज्ञानं 
मधुरंध्यानं 
मधुरं योगं 
मधुरं भोगं 

मधुरं मधुरं 
प्रेम् दे मम 
मधुरं मधुरं 
तुर्यं दे मम 

मधुरं सृष्टि
मधुरं दृष्टि

मे देवसदा
मे देवसदा


 © of Lata  
Madhur Drishti 
03-12-2016
new making - 03 -7-2017

No comments:

Post a Comment