मेरे बोलने और मौन के बीच एक बंध बना हुआ हौले पग रखिये नाजुक डोर से बंधा ढह जायेगा . अभी जो इस पार से कही अपने दिल की बात है थोड़ी गुफ्तगू उससे भी तो कर लूँ,जो उस पार है . बोलता हूँ तब तलक, नहीं बोलता तू जब तलक जिस पल तू बोला, मौन हो जाऊंगा सदा के लिए
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