मौन सागर अपनी ही गहराईयों में डूबेगा वख्ती नदियों का मिलना इसे गवारा नहीं . अजीब गजब रवायत तेरे जहाँ की निराली क्षीरसागर से नदी खुद ब खुद नहीं मिलती . यहाँ नदिया पथरीले ढलानों से नहीं बहती सागर झूम मस्त हो, जा उनको मिलता है . सभी नदियां सयानी हो , ऊपर को चलती है और बढ़ती जाती अपने सागर को मिलती है
No comments:
Post a Comment